कमजोरी को ताकत बनाएं बनाए - Hindi Basic

कमजोरी को ताकत बनाएं बनाए

कमजोरी शारीरिक हो या मानसिक हमें न

केवल कमजोर करती है अपितु हमारे

मनोबल को भी प्रभावित करती है। हमें

हतोत्साहित करते हुए सफलता से कोसों दूर ले

जाती है। इसका एक ही उपाय है जिन

परिस्थितियों को आप बदल नहीं सकते, उन्हें

सहज रूप से स्वीकार करने के गुण का साहस

|स्वयं में विकसित करे बगैर नैराश्य भाव के।

बड़ी से बड़ी कमजोरी को बड़ी से बड़ी ताकत

बनाने के प्रयत्र का नाम ही है – हिम्मते मर्दा,

मददे खुदा।

जापान में एक बार एक 10 वर्ष के बालक

ने दुर्घटना मे अपना बांया हाथ गंवा दिया। उसने 

अपने गुरू से जूडो सीखना आरंभ कर दिया।

उसने तीन माह तक सतत अभ्यास किया,

लेकिन इस आश्वर्य भाव के साथ कि जूडो

मास्टर ने उसे उस दौरान केवल एक दांव ही

सिखाया था।

उसने अपने गुरू से पूछा – क्या मुझे और

दांव नहीं सीखना चाहिये।

नहीं, तुम्हें केवल इसी दांव में पूरी महारत

हासिल करनी है – गुरू ने कहा।

अर्थ अधिक न समझ पाने के बावजूद

बालक ने गुरू में अपनी आस्था रखते हुए

अभ्यास जारी रखा।

कई माह बाद गुरू उसे एक प्रतियोगिता में ले

गए जिसमें उसने प्रथम दोनों चक्र तो आसानी

से पार कर लिये, लेकिन तीसरा कठिन था।

इसमें उसके प्रतिद्वंदी ने बालक के धैर्य के

सामने अपना आपा खो दिया और उसी पल

बालक ने अपने पारंगत दांव के माध्यम से

सामने वाले को पराजित करते हुए तीसरा चक्र

जीत लिया।

अब प्रतियोगिता के अंतिम चक्र में जहां

 प्रतिद्वंदी कई गुना शक्तिशाली व अनुभवी था।

बालक थोड घबराया हुआ था। उसे कोई चोट

न लगे, इस प्रयोजन से रेफरी ने टाइम आउट

की घोषणा कर दी। तभी गुरू ने प्रतिरोध किया

– नहीं मैच आरंभ रहने दो।

मैच आरंभ हुआ। तभी विरोधी से एक गंभीर

गलती हो गई। उसने अपना गार्ड सुरक्षा कवच

गिरा दिया। बिना एक पल गंवाए बालक ने

अपना चिर परिचित दांव चला और प्रतिद्वंदी को

चारों खाने चित कर दिया।

सेंसेई, मैंने मैच कैसे जीता – बालक ने

गुरू से पूछा।

गुरू ने उत्तर दिया – दो कारण से। पिछ्ला

तो यह कि तुमने जूडो का सबसे कठिन दांव पूरे

मन से सीखा। और दूसरा कि उससे बचाव का

एक मात्र उपाय था प्रतिद्वंदी द्वारा तुम्हारे बांये

हाथ को पकड़ पाना। और इस तरह तुम्हारी

कमजोरी ही तुम्हारी ताकत बनकर उभरी।

वात का संदर्भ मात्र इतना है कि जब तक 

आप अपनी कमजोरी को अपनी 

,चरित्र में नहीं करेंगे तब तक जीवन की जग

नहीं जीत पाएंगे।

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