किसी चालक में विधुत आवेश के प्रवाह की दर को विधुत धारा अथवा विधुत धारा की तीव्रता कहते हैं।
विधुत धारा (i)= आवेश (q) / समय (t).
ओम का नियम –
किसी नियत ताप पर चालक के सिरों पर लगाया गया विभवान्तर उसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है ।
V=IR
विधुत प्रतिरोधकता
प्रतिरोधकता किसी पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध उस पदार्थ द्वारा बने एकांक लंबाई व एकांक अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाले तार के प्रतिरोध के बराबर होता है, इसका मात्रक ओम-मीटर होता है।
प्रतिरोधों का संयोजन ( Resultant resistance in Series)
दो या दो से अधिक प्रतिरोधों का श्रेणीक्रम ( Series) में तुल्य प्रतिरोध
R= R1+R2+R3+R4+R5………
दो या दो से अधिक प्रतिरोधों का समान्तर क्रम (Resultant resistance in Parallel) में तुल्य प्रतिरोध….
1/R = 1/R1 + 1/R2 +1/R3+………………
विधुत धारा या तापीय प्रभाव
विधुत ऊर्जा (Electric Energy )
किसी चालक में विधुत प्रवाहित होने से जो ऊर्जा व्यय होती है , उसे विधुत ऊर्जा कहते हैं। विधुत ऊर्जा का मात्रक जूल होता है।
E= V * q = Vit
विधुत शक्ति
विधुत शक्ति (Electric power)
विधुत परिपथ में होने वाले कार्य की दर , विधुत शक्ति कहलाती है ।
P = W/t
सदैव श्रेणीक्रम में ( always in the series or in the circuit )
सेल , DC ङायनेमो तथा बैटरी
अनन्त ( Infinite)
ऐम्पियर ( ampere)
मुक्त इलेक्ट्रानों द्वारा ( current flows by free electrons )
10 -3 एम्पियर के
वोल्ट ( volt)
कार्य के
V=IR
केवल धात्विक चालकों के लिए on Electric conductors
ओम ( Om)
शुद्ध सिलिका का
लम्बाई पर, अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर , पदार्थ की प्रकृति पर
ओम- मीटर
2.25 वोल्ट
दोगुना
अपरिवर्तित
1.80 ओम
e^2
ओम- मीटर
P = I2R
जूल
श्रेणीक्रम
धारा में
मेन फ्यूज में
उच्च प्रतिरोधकता तथा निम्न गलनांक
टंगस्टन का
लाइव तार
हरा
शून्य
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