लद्दाख में जीवन कितना है मुश्किल

लद्दाख की ठंड में कैसा होता है जीवन

लेह-लद्दाख की ठंड में मशीने भी दम तोड देती हैं। जानें क्या होती हैं मुश्किलें ।

आपने सर्दियों का अनुभव तो बहुत किया होगा , पर क्या सर्दियों में अपने घर से बाहर खुले में रात  बितायी है , क्या होगा अगर तापमान 0 डिग्री से भी बहुत नीचे चला जायेगा, निश्चित रूप से बेइंतिहा परेशानी का सामना करना पडेगा , क्या आप जानते हैं बहुत कम तापमान पर आम मशीनें भी काम करना बंद कर देती हैं।

आम मशीने जैसे कि इंजन स्टार्ट ही नहीं होते हैं, इस समस्या से बचने के लिए उन्हें 24 घंटे स्टार्ट रखा जाता है, और इंजन कभी बंद नहीं किया जाता वरना अगर इंजन एक बार बंद हो गया तो दुबारा उसका स्टार्ट होनें के चांस ना के बराबर होगें ।

ठंड होने पर पेन की इंक भी जम जाती है, लोगों की पलकों पर बर्फ भी जम जाती है । ठंड में बैटरी काम नहीं करती , लोगों का अपने मामूली कामों के लिए संघर्ष करना पडता है ।

 एक व्यक्ति बडी मुश्किल से पानी उबालता है परन्तु वह व्यक्ति ज्यों ही उबलते पानी से भरा भगौना हवा में उछालता है , सारा पानी बर्फ बनकर उड जाता है ।

leh cold temperature

खाने पीने की चीजों का जम जाना आम बात है , खाने तो पकते ही तुरन्त खाना होता है वरना वह जम जाता है । जरा सी चूक हो जाए तो इंसान मर सकता है , हाइपोथर्मिया से इंसान की मौत हो सकती है ।

अंडा , टमाटर तथा सब्जी जम जातें हैं तथा उन्हें तोडना या चाकू से काटना संभव नहीं होता जब तक कि उन्हें उबाला न जाए।

यदि किसी धातु की वस्तु को आप बिना ग्लव्स पकड लें तो आप का हाथ खराब हो सकता है ।

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