राजीव दीक्षित जी ने लोटे से पानी पीने के बहुत फायदे बताये हैं, हमने यह लेख उन्हीं के वीडियो को देखकर लिखा है । rajiv dixit
लोटे में पानी पीने के फायदे (lote se pani pine ke fayde)
राजीव जी कहते हैं कि ये गिलास (glass) जो है न वो विदेशी है गिलास भारत का नहीं है गिलास ?यूरोप (europe) से आया और यूरोप में पुर्तगाल से आया ये पुर्तगाली जब हमारे देश में घुस गए तब से गिलास में हम फँस गए गिलास अपना नहीं है लोटा है, लोटा (lota) कभी भी एक रेखीय (linear) नहीं होता है वाघभट्ट कहते हैं कि जो बर्तन एकरेखीय हैं उनका त्याज्य करें ये अच्छे नहीं है तो ग्लास (glass ) का पानी पीना अच्छा नहीं माना जाता तो लोटे(lote) का पानी पीना (pani) अच्छा माना जाता है तो आप बोंलेंगें क्या अंतर हैं तो पानी जहाँ धारण किया जाता है वैसे गुणआ जाते हैं पानी के अपने गुण कुछ नहीं हैं जहाँ मिला दो वही गुण बन जाते हैं तो दही में मिला दो तो दही का गुण छाछ में मिला दो तो वही बन जाता है दूध में मिला दो तो दूध बन जाता है लोटे में पानी जो रखा तो पात्र का गुण आयेगा अब लोटे का गुण क्या लोटा गोल तो हर गोल चीज तका सरफेस टेनसन ( surface tension) कम होता है क्योंकि सरफेस एरिया कम है
इसे हिन्दी में प्रष्ठ तनाव कहते हैं सरफेस टेनशन कम है तो पानी उसमें हैउसका भी सरफेस टेनशन कम है तो कम सरफेस टेनसन का पानी आपके लिये अच्छा है क्योंकि कम सरफेस टेनसन का पानी ही आपके लिए उपयुक्त है सरफेस टेनसन बढा हुआ पानी अगर आप पियेंगें तो बहुत तकलीफ करने वाला है सरफेस टेनसन बढी हुई कोई भी चीज आगर आप खायेगे तो बहुत तकलीफ में आयेंगें क्योंकि उसमें शरीर को तकलीफ देने वाला एक्सट्रा प्रैशऱ लगता है गिलास का पानी और लोटे के पानी में जमीन आसमान का अंतर है इसीलिए कुएंका पानी बहतु अच्छा ये सारे साधू संत कुएं का ही पानी पीते हैं आप जानते हैं ना मिला तो विहार कर जाते हैं क्योंकि कुएं का पानी उनके लिए सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि कुआँ गोल है क्योंकि सरकमफरेंस कम है , इस प्रकार लोटे से पानी पीने से पेट साफ रहता है , अत लोटे से पानी पीने के अनेक फायदे हैं।
पेट का साफ रखता है
इसीलिए सरफेस एरिया कम है और इसीलिए सरफेस टेनसन कम है, सरफेस टेनसन कम होने से क्या होता है पानी का एक गुण बहतु लंबे समये तक जीवित रहता है पानी का एक गुण है सफाई करना अब आपके लिए वह गुण कैसे काम आ रहा है आपकी एक बडी आँत है एक छोटी आँत है उसके बीच में एक मेमब्रेन है कटरा उसी में जाकर फँस जाता है तो इस निकाल-निकाल कर बाहर लाना पडता है ये तभी संभव है जब सरफेस टेनसन बढा हुआ पानी आप पी रहे हैं तो अगर सरफेस टेनसन बडा हुआ पानी आप पी रहे हैं तो वो कचरा बाहर नहीं निकालेगा।
आप एक एक्सपेरिमेंट करिए आप घऱ जाइये और दूध लेकर चेहरे पर लगाइये पाँच मिनट के बाद रूई से पोछिये तो रूई काली हो गयी हैना कैसै अंदर का कचरा और गंदगी बाहर आया और दूध का गुण है क्योंकि दूध का सरफेस टेनसन सबसे कम है दूध ने चेहरे का सरफेस टेनसन कम कर दिया और त्वचा खुली तो अंदर का कचरा बाहर निकल गया यही क्रिया पानी करता है
पेट में आपने पेट में पानी डाला बडी आँत और छोटी आँत का सरफेस टेनसन इसने कम कर दिया बडी आँत औऱ छोटी आँत खुल गयी और खुली तो सारा कचरा बाहर आ गया और हाई सरफेस टोनसन का पानी पिएं तो आँते सिकुडेंगीं क्योंकि तनाव बढेगा तनाव और सारा कचरा आँतों में बँद हो जायेगा और यही आपको बवासीर भगंदर सब करेगा इसीलिए सरफेस टेनसन कम वाला ही पानी पीना लोटे का पानी सबसे अच्छा माना जाता है गोल कोई भी वस्तु हो उसमें रखा हुआ पानी पीना सबसे अच्छा माना जाता है तो गोल कुएं को पानी है तो बहुत अच्छा गोल तालाब का पानी हो तालाब भी तो गोल होते हैं गोल कुएं का पानी बहुत अच्छा तालाब से छोटी एक पोखर होती है अगर पोखर गोल है तो उसका पानी बहुत अच्छा नदी की तुलना उसका पानी बहुत अच्छाक्योंकि नदी में गोल कुछ भी नहीं है वो लंबी है तो वहाँ का पानी हाई सरफेस टेनसन वाला है
नदी से ज्यादा खराब समुद्र का और सबसे अच्छा पानी लोटे का लोटे जैसी कोई भी गोल चीज है तो अच्छा अब आप इसको प्रक्रति में भी महसूस करेंगें बारिश का पानी गोल होकर ही नीचे आता है तो उनका सरफेस टोनसन हमेशा कम है तो पानी पी रहे हैं तो गिलास में न पिएं लोटे में पिएं तो लोटे वापस लाएं लोटे निकल गए और गिलास घुस गए और लोटे निकल न तो लाखों कारीगरों की जिंदगी बदल गई जो लोटे बनाते थे खतम हो गए कि नहीं कसेरे खतम हो गए गाँव-गाँव में कसेरे खतम हो गए ठोक –पीट कर लोटा बनाने वाले आदमी को कसेरा कहते हैं काँसे के लोट बनाते थे सब मर गए बिचारे हमारे गिलास के चक्कर में वाघभट्ट जी को यदि मानना है तो लोटा लाएं गिलास थोडे कम करें पानी लोटे का बहुत अच्छा होता है और इसके अनेक फायदे हैं।
खडे होकर पानी न पिएं
पानी कभी भी खडे होकर न पिएं फिर बता रहा हूँ हमेशा बैठ कर पिएं फिर उसके आगे का एक सूत्र है कि ठंडा पानी कभी न पिएं और यहाँ पर भी एक नया विश्लेषण दे दूँ आपको कि हर ठंडे पानी का सरफेस टेनसन बढा हुआ होता है और हर गुनगुने पानी का सरफेस टेनसन कम होता है और कम सरफेस टेनसन का पानी ही आपको पीना है और विश्लेषण में आपको बता चुका हूँ कि ठंडा पानी आप पियेंगे तो वो हर चीज को ठंडा करने का प्रयास करेगा तो पेट ठंडा हुआ तो सारे आर्गन ठंडे हो सकते हैं और आप मर सकते हैं. लोटे में पानी पीने के फायदे और अधिक हैं।
ठंडा पानी मत (न ) पिएं ( don’t drink cold water )
पेट पानी को गर्म करेगा तो अतिरिक्त उर्जा लगेगी और सारी उर्जा शरीर से ही आयेगी और ब्लड पेट की तरफ दौडेगा बार बार आप ठंडा पानी पी रहे हैं तो दिन मं 8-10 बार तो ब्लड को पेट की तरफ आना ही पडेगा तो ब्रेन को ब्ल़ड कम होगा हर्ट को ब्लड कम होगा और आर्गन को ब्लड कम होगा तो कमजोरी आने ही वाली है और हार्ट अटैक आ सकता है ब्रेन हेमरेज हो सकता है कोई भी आर्गन को ब्लड कभी भी कम नहीं पडना चाहिए तभी आप दुरुस्त रहने वाले हैं इसीलिए ठंडा पानी कभी भी न पिएं तो हमेसा गुनगुना पानी पिएं एक समय के लिए वाघभट्ट जी ने कहा है कि जब बहुत तेज गर्मी पडती हो आपके यहाँ तो पडती है तो वो कहते हैं कि मिट्टी के घडे का पानी पिएं मिट्टी के घ़डे के पानी को गुनगुना करने की उतनी जरूरूत नहीं है मिट्टी से ज्यादा शुद्ध पानी को करने वाली दुनिया में कोई दूसर वस्तु नहीं है।
खाना जब भी खाएं स्टैंडिंग पोजीशन में कभी न खाए हमेशा बैठ कर खाएं बैठने की स्थिति सबसे अच्छी है कुर्सी पे बैठ कर यदि खाना पडे तो इसी स्थिति में बैंठें नहीं तो जमीन पर आराम से बैठें तो कुछ नियम जो आपको अवश्य पालन करना चाहिए कि दो विरोधी वस्तुएं साथ में कभी न खाएं आप जैन तो आपके सभी चीजें पता होगीं भक्ष्य और अभक्ष्य का ज्ञान सभी साधू महाराज देते हैं दूसरो लोगों के लिए कह दूँ कि दूध और दही साथ में नहीं खा सकते विपरीत हैं
विपरीत प्रकृति की वस्तुओं का सेवन एक साथ न करें
हालांकि दूध से ही दही बनता है लेकि न दूध और दही की प्रक्रति एकदम अलगे है तो दूध और दही साथ में न खाएं दूध और दही की बनी हु वस्तु साथ में न खाएं खीर खा रहे हैं तो दूध की है तो कढी नहीं खा सकते कोई एसी वस्तु जिसमें दूध और दही उपयोग है वो साथ में नहीं इसी तरह से शहद और घी आप के लिए बिलकुल वर्जित है इसको साथ में न खाएं शहद अलग खाएं घी अलग खाएं वहीं दूसरी और गुण और घी साथ में जरूर खायें शहद और घी साथ में न खाएं गुण को बेहतर तरीके से यदि खाना चाहते है तो उसमें घी मिलाएं
इसी तरह का एक और नियम है कि जैकपफ्रूट यानी कटहल दूध के साथ सबसे खतरनाक है और मैंने कहा कि खटटे फल जितने भी हैं संतरा है मुसम्मी है वगैरह-वगैरह दूध के सात बिलकुल नहीं चल सकते हैं एक ही फल है जो खट्टा हो और वाघभट्ट जी कह रहे हैं वो आँवला है ये जरूर दूध के साथ खाएं और वो द्विदल वाला बता ही दिया कि दूध और दही को एक साथ न खाएं औ मजबूरी है यदि कोई तो दही की गर्म करें बघारें तासरी उसकी गर्म करें छाछ पी रहें यदि द्विदल के साथ तो उसको गर्म करें यानी आजवाइन डाले जीरा डालें तो उसकी तासीर बदलती है
और उसके आगे का एक नियम कि सुबह का खाना साढे नौ दस बजे तक क्योंकि उस समय जठर अग्नि सबसे ज्यादा तीव्र है और शाम का खाना पाँच –छह बजे तक ये मैंने आपके हिसाब से कैलुलेशन किया वाघभट्ट जी ने कहा है कि इसमें जलवायु का मौसम का ध्यान रखना है तो आपके हिसाब आप चेन्नई में रहते हैं तो नौ साढे नौ तक भरपेट खाना खाएं बीच में यदि भूख लगती है तो फल खाएं सुबह शाम के खाने के बीच में यदि भूख लग रही है तो चना औ रगुण खाएं मूँगफली और गुण खाएं दोपहर को यदि भूख लग रही है ।
यानी कि चिक्की भी खा सकते हैं और ज्यादा भी खा सकते हैं और यदि ज्यादा खालें तो सोंठ भी चाट लें तो उसकी तासीर तुरंत बदल जाती है ज्यादा चिक्की खा ली तो नाक में से खून आ सकता है तो तो सोंठ या अदरक थोडी सी चाट लें फिर आगे वाघभट्ट जी कहते हैं कि आप के भोजन का अपके वातावरण से बहुत रिश्ता है
आप जिस वातावरण में रह रहे हैं उसका ध्यान हमेशा रखें मान लीजिए कि आप मद्रास में रह रहें हैं तो मद्रास के आसपास का वातावरम गर्म है गर्म वातावरम में गेहूँ नहीं हो सकता गेहूँ होने के लिए ठंह चाहिए तो निश्चित रूप से चेन्नई के आसपास किसी खेत गेहूँ अच्छा होगी नहीं कोशिश करेंगें तो तब अच्छा होगी जब ठंड बढ जाए क्योंकि गेहूं ठंड की फसल है गर्मी की फसल है वो चावल है धान है वाजरा बहुत गर्मी की फसल है ये राजस्थान में रहने वाल सब लोग जानते हैं कि कितनी गर्मी है राजस्थान में औरवहीं बाजारा सबसे अच्छा होता है कच्छ में सौराष्ट्र में कितनी गर्मी है बाजरा वहीं अच्छा होता है तो गर्मी की जो फसले हैं वो धान है बाजरा है और जौ है ज्वार है तो ये सब आपके लिए यहाँ अच्छे हैं चेन्नई में आप रहते हैं तो ज्वार की रोटी खाएँ बाजरे की रोटी खाएं।