भीतरी संतोष कैसे मिल सकता है? - Hindi Basic

भीतरी संतोष कैसे मिल सकता है?

भीतरी संतोष पाने के दो तरीके हैं।

एक तरीका यह है कि हमें जो कुछ चाहिए और जिस चीज

की भी हमें इच्छा है, उसे हम प्राप्त कर लें- समस्त धन,

घर, गाड़ियां, सही साथी और अच्छा शरीर । इस तरह की सोच का

नुकसान बताया जा चुका है कि यदि हमारी इच्छाएं और कामनाएं

असीमित हो जाएंगी, तो देर-सवेर कुछ ऐसा होगा जिसे हम चाहते

हैं, लेकिन वह हमें नहीं मिल सकता।

दूसरा और अधिक विश्वसनीय तरीका यह है कि हम जो कुछ

चाहते हैं उसे पाने की इच्छा न करें, बल्कि जो कुछ हमारे पास है।

उसका आनंद लिया जाए।

मैं टीवी पर क्रिस्टोफर रीव का एक इंटरव्यू देख रहा था। वह

एक फिल्म अभिनेता था जो घोड़े से गिर गया और उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी जिसके कारण गर्दन से नीचे का उसका पूरा शरीर बेकार हो गया। जब इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति ने उससे पूछा कि अपनी अशक्त स्थिति से पैदा हुई निराशा से निपटने के लिए

उसने क्या किया, तो रीव ने बताया कि

एक समय था जब अस्पताल में लेटे हुए वह पूरी तरह हताश हो

चुका था। हालांकि उसने कहा कि हताशा का वह समय जल्दी ही

निकल गया और अब वह खुद को ‘भाग्यशाली’ मानता है। उसने

अपनी प्रिय पत्नी और बच्चों की शुभकामनाओं के बारे में बताया

|और साथ ही वह इस बात के लिए भी आभारी था कि आधुनिक

चिकित्सा ने तेजी से प्रगति की है (उसका अनुमान है कि अगले

एक दशक में रीढ़ की हड्डी की चोट का उपचार मिल जाएगा)

और उसने कहा कि यही चोट अगर उसे कुछ वर्ष पूर्व लगी होती तो

शायद वह मर गया होता। रीव ने बताया कि शुरू में उसे रह-रहकर

ई्थ्या होती थी, जब वह किसी को अनजाने में यह बोलते-सुनता

|था, “मैं अभी दौड़कर ऊपर जाता हूं और कुछ लेकर आता हूं

इन भावों से निपटना सीखने के दौरान, उसने कहा, ‘मैने पाया

कि जीने का एकमात्र तरीका अपने पास मौजूद चीजों को देखना

और यह समझना है कि आप अभी क्या-क्या काम कर सकते हैं,

मेरे मामले में, सौभाग्य से, मुझे दिमाग के अंदर चोट नहीं लगी थी,

इसलिए मेरे पास उपयोग करने के लिए दिमाग तो था।

इस तरह अपने संसाधनों पर ध्यान लगाकर रीव ने अपने दिमाग

का प्रयोग लोगों को रीढ़ की चोट के बारे में बताने और जागरूकता

पैदा करने में किया है और उसकी बोलने, लिखने

निर्देशन करने की भी योजना है।

(साभार- आनंद का सरल मार्ग)

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