shabd – वर्णों के मेल से बने स्वतंत्र एवं सार्थक ध्वनि समूह को शब्द करते हैं। डा भोलानाथ तिवारी के अनुसार अर्थ के स्तर पर भाषा की सबसे छोटी स्वतंत्र इकाई ‘शब्द ‘ है । ध्वनि और अर्थ मिलकर शब्द को रूपाकर प्रदान करते हैं ।
परिभाषा- शब्द–विचार – हिंदी व्याकरण का वह भाग जिसमें शब्द के शुद्ध उच्चारण, शुद्ध लेखन की विवेचना की जाती है उसे शब्द–विचार कहते हैं। वर्ण-विचार के बाद शब्द–विचार व्याकरण का दूसरा प्रमुख अंग है
शब्द मुख्यत: चार आधारों पर वर्गीकृत किये जा सकते हैं ( shabdon ka vargikaran)
- रचना के आधार पर
- अर्थ के आधार पर
- उत्पत्ति के आधार पर
- रूपान्तर के आधार पर
रचना के आधार पर
1. रूढ शब्द (rudh shabd)
वैसा शब्द जिनका कोई भी खण़्ड सार्थक न हो, जो परम्परा से विशेष अर्थ प्रदान करता आता है, रूढ शब्द कहलाता है , रूढ शब्द कहलाते हैं, जैसे – पानी , हाथी, इत्यादि
2. यौगिक शब्द (yogic shabd)
वैसे शब्द जिनका दो सार्थक खण्डों से निर्माण हुआ हो , यौगिक शब्द कहलाते हैं। जैसे – विधालय , रामायण
3. योगरूढ शब्द ( yogrudha shabd)
वैसे शब्द जो योगिक होते हैं किन्तु अपने सामान्य अर्थ का त्याग कर विशेष अर्थ ग्रहण करते हैं, योगरूढ कहलाते हैं । जैसे –लम्बोदर (गणेश) , दिनकर (सूर्य )
अर्थ के आधार पर शब्द के भेद (arth ke aadhar par shabd ke bhed)
अर्थ के आधार पर शब्दों को 2 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।
1. सार्थक शब्द ( sarthak shabd)
इस प्रकार के शब्द जिसका अर्थ सभी लोग समझते हैं , सार्थक शब्द कहलाते हैं। जैसै- पुस्तक , मेज , इत्यादि
2. निरर्थक शब्द ( Nirarthak Shabd)
इस प्रकार के शब्द जिसका अर्थ समझ में नहीं आये निर्थक शब्द कहलाते हैं।
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद ( utpatti ke aadhar par shabd ke bhed)
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के पाँच भेद हैं-
1. तत्सम शब्द ( Tatsam shabd)
तत्सम शब्द वो शब्द हैं , जो संस्क्रत के शब्द होते हैं तथा हिन्दी में इनका प्रयोग उसी रूप में होता है। जैसे – पुस्तक , अग्नि , वर्षा , इत्यादि
2. तत्भव शब्द ( Tadbhav shabd)
तद्भव शब्द वैसे शब्द हैं जो संस्क्रत के शब्दों का उच्चारण सहज बनाकर हिन्दी में प्रयुक्त किए जा सकते हैं, जैसे आग , भाई , पिता , इत्यादि
3. देशज शब्द ( Deshaj Shabd)
देशज शब्द स्थानीय बोलियों से हिन्दी में प्रवेश पाने वाले शब्द हैं । ये शब्द परम्परागत चेतना से प्राप्त हुए हैं जिनकी सार्थकता ढूँढना कठिन है, वैसै कतिपय अब देशज शब्दों का स्त्रोत अब संस्कृत को ही माना जा रहा है ; जैसे -‘गद्दा’ यह शब्द संस्क्रत के गर्त से निष्पण्ण बताया जाता है । देशज शब्दों के उदाहरण हैं- पेट , गोड, लोटा, डिबिया , पगडी , इत्यादि।
4. विदेशज ( Videshaj Shabd)
विदेशज शब्द विदेशी भाषा से हिन्दी में आए हैं। अंग्रेजी, फारसी, पुर्तगीज, इत्यादि विदेशी भाषा के शब्द अपने उच्चारण में परिवर्तन द्वारा हिन्दी में प्रयुक्त हुए हैं ।
5. संकर ( Sankar Shabd)
संकर वैसे शब्द हैं जो विदेशी भाषा के शब्द तथा हिन्दी शब्दों को मिलाकर बने हैं। ऐसे शब्द हिन्दी की बोलचाल तथा साहित्यिक प्रक्रिया में धडल्ले से प्रयुक्त होते हैं । जैेसे- रेलगाडी, टिकट घर, परीक्षा बोर्ड। काला बाजार , आपरेशन कक्ष, परीक्षा हाल , लाठीचार्ज इत्यादि
रूपान्तर के आधार पर ( Rupantar ke aadhar par)
रूपान्तर के आधार पर शब्द दो प्रकार के हैं
विकारी शब्द ( vikari shabd)
वो शब्द जो लिंग, पुरूष, वचन आदि के आधार पर रूप परिवर्तन कर लेते हैं। जैसे- लडका, अच्छा , वह इत्यादि विकारी शब्द कहलाते हैं।
अविकारी शब्द ( Avikari shabd)
वे शब्द कभी भी अपना रूप नहीं बदलते। ऐसे शब्दों को अवयव भी कहते हैं;
जैसे- अभिधा, लक्षणा तथा 3. व्यंजना।
अभिधा ( avidha meaning in hindi)
शब्द के सामान्य अर्थ को बताने वाली शक्ति को अभिधा कहते हैं। जैसे- ‘कपि’ का अर्थ बन्दर होता है ।
लक्षणा ( Lakshna meaning in hindi)
जो शक्ति शब्दों के सामान्य अर्थ को छोडकर उससे सम्बन्ध किसी अन्य अर्थ का बोध कराये, उसे लक्षणा कहते हैं; जैसे – सागर पर ‘नगर’
व्यंजना ( vyanjana meaning in hindi)
जो शक्ति शब्द के सामान्य और सम्बन्धित अर्थ को छोडकर विशेष अर्थ का बोध कराये, उसे व्यंजना या व्यंग्यार्थ कहते हैं।
प्रश्नोत्तर ( परीक्षा में पूछे जाने वाले उपयोगी प्रश्न), विभिन्न प्रतियोगी परीक्षों में पूछे गए प्रश्न
उत्तर- सत्
उत्तर – अति
उत्तर – सम्
उत्तर- प्रति
उत्तर अधि
अभ्यास, अभिमुख, अभिमान
उत्तर- अभि
उत्तर- निबंध, परिजन, उनतीस
उत्तर – अधिक (बाहुल्य)
उत्तर-समवाय
उत्तर- अवान
उत्तर – लाचार
उत्तर- कपूत
उत्तर- इया, ईय, आनी
उत्तर – कार, कर
उत्तर – आडी, ईय
उत्तर- वाला, तर
उत्तर- हर, ऐरा
कृत प्रत्यय
उत्तर- तद्दित प्रत्यय
उत्तर –क्रिया
उत्तर – क्रिया
उत्तर- पुर्तगाली
उत्तर- तद्दित प्रत्यय
उत्तर – जापानी
उत्तर- पंकज
उत्तर- चक्रपाणी
उत्तर – रंगीला
उत्तर – सम्
उत्तर- संकर
उत्तर – अरबी का
उत्तर- दो भाषाओं से मिलकर बना शब्द
देशज
कारतूस-अंग्रेजी गलत है ।
दशानन
उत्तर – इक
उत्तर- उत्
उत्तर – फ्रांसीसी
उत्तर – फ्रैंच
लालिमा, पराजय, दशक, करीगर उत्तर- पराजय
उत्तर – तीन
उत्तर – संकर
पीला, दूधवाला, नैन, चक्रपाणि
उत्तर – चक्रपाणि
शब्द के सामान्य अर्थ को बताने वाली शक्ति को अभिधा कहते हैं
उत्पत्ति के आधार पर शब्द चार प्रकार के होते हैं
1. तत्सम 2. तद्भव 3. देशज 4 . विदेशज
प्रत्यय, उपसर्ग, तत्सम तद्भव व देशज, शब्दों की पहचान एव उनमें अंतर | UPTET |CTET |STET previous year questions uptet
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