Is soap harmful for skin and what is its effects to human body. श्री राजीव दीक्षित के अनुसार, हमारे घरों में साबुन आता है लक्स, लाइफबाय, लिरिल, रैक्सोना, पियर्स, कैमे, पामोलिव वगैरह वगैरह ये सब साबुन क्यों खरीदते हैं एक बार मैंने एक भाई से पूछा कि लक्स से क्यों नहाते हो कहने लगा माधुरी दीक्षित कहती है दूसरे ने कहा कि हेमा मालिनी कहती है तो कभी माधुरी दीक्षित और हेमा मालिनी कुएं में गिरेंगें तो हम भी गिर जायेंगें, ये बेवकूफी मत करिये ये शायद आपको मालूम नहीं है कि माधुरी दीक्षित या हेमा मालिनी या कोई भी फिल्मी हिरोइन लक्स से नहीं नहाती साबुन से नहीं नहाती तो
आप पूछेंगें मुझको कैसे मालूम मुझको पता चला अभी कुछ दिन पहले बम्बई में मेरा एक व्याख्यान हुआ था जूहू में और जूहू वो जगह है जहाँ हिन्दुस्तान के फिल्मी हीरो-हिरोइन ज्यादा रहते हैं एक फिल्मी हीरो हैं धर्मेंन्द्र उन्होने मेरे व्याख्यान की कैसेट सुनी मेरे व्याख्यान के कुछ 10 कैसेट निकले हैं उन्होने मुझे फोन किया कहने लगे कि आप के 10 कैसेट सुनने के लिए मैंने 10 घंटे गाडी चलायी और घऱ नहीं गया जब तक कैसेट खतम नहीं हो गयी बोले मैं आपका व्याख्यान करना चाहता हूँ बोले आपकी फीस क्या है मैंने कहा कि मैं कभी फीस नहीं लेता व्याख्यान सुनने के लिए, बस एक ही शर्त है कि जितने फिल्मी हीरो-हिरोइन हैं उनको सबको बुलाइये ज्यादा से ज्यादा उन्होने कहा कि मैं कोशिश करता हूँ उनका एक बंगला है . Is use of soap is harmful for skin and face.
उन्होने वहाँ व्याख्यान रखा मैं गया ज्यादा लोग तो नहीं आये कुछ 25 से 30 लोग आये उनके बीच में मीटिंग हुई बातचीत हुई बहुत सारे सवाल पूछे जब खतम हो गये उनके सवाल तो मैंने कहा कि अब मैं आप से एक सवाल पूछूँगा तो हेमा मालिनी से मैंने पूछा कि आप मुझे बताओ कि लक्स से नहाती हो बोली नहीं, लाइफबाय या कैमे या लिरिल से नहाती हो बोली नहीं मैंने कहा आप नहाती भी हो तो कहने लगी नहाती तो रोज हूँ तो उन्होने बताया कि बेसन में मलाई डाल के नहाती हूँ तो मैंने कहा कि यदि आप बेसन मे मलाई डाल के नहाती हैं तो ये बात पूरे देश को क्यों नहीं बताती कहने लगीं डर लगता है कि यदि हिन्दुस्तान की सभी बहनों ने बेसन में मलाई डाल कर नहाना शुरु किया तो सब हेमा मालिनी हो जायेंगीं तो मेरी तो कुर्सी खतरे में पड जायेगी ।
कोई भी फिल्मी हिरोइन साबुन से नहीं नहाती क्योंकि जितने भी साबुन हैं बनते हैं कास्टिक सोडा से और कास्टिक सोडा त्वचा के लिए बहुत खराब है और आप ये चाहें तो प्रयोग करें कि नहाने के बाद जब आप का शरीर सूख जाये तो नाखून से रगडिए एक सफेद लाइन खिंच जायेगी आजकल ठंडी के दिन नहाने के 10 मिनट बाद आप का पूरा चेहरा सफेद-सफेद हो जायेगा क्योंकि उसमें जो कास्टिक सोडा है वो आपके शरीर की त्वचा से चिपक जाता है और चाहे जितना पानी डाल डो धुलता नहीं है इसीलिए साबुन सबसे रद्दी चीज है
साबुन की जगह पर क्या लगायें।
अब आप पूछेंगें कि बेस्ट क्वालिटी क्या है बेस्ट क्वालिटी है मुल्तानी मिट्टी उसको रात में दही में डाल दीजिये सेवेरे तक एकदम मुलायम हो जायेगी उसको पेस्ट बनाइये शरीर पर ऐसे लगाइये जैसे साबुन लगाते हैं और नहा लीजिए एकदम फ्रेश हो जायेगें, दूसरा तरीका चने का आटा यानी बेसन उसमें मलाई मिलाइये उसको लगाइये और नहाइये तीसरा तरीका मसूर की दाल का आटा उसमें शहद मिलाइये और उसका पेस्ट बनाकर शरीर पर लगाइये और नहाइये आपकी स्किन एकदम साफ हो जायेगी
नहाने के लिए साबुन की जगह करें इन चीजों का इस्तेमाल, दमकेगी त्चचा और निखरेगा चेहरा (soap replacement)
चौथा तरीका मुल्तानी मिट्टी लीजिये और रीठा का पाउडर लीजिये शिकाकाई पाउडर लीजिये तीनों को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाइये फ्रिज में बंद करके रखिये एक साल तक इसका कुछ नहीं बिगडता नहाने के बीस मिनट पहले एक चम्मच पाउडर एक गिलास पानी में डाल दीजिये और उस पानी से पहले सिर के बाल धो लीजिये आप के बाल टूटना बंद हो जायेंगें और उसी पानी से शरीर से नहा लीजिये आप को कोई साबुन लगाने की जरूरत ही महसूस नहीं होगी और मैं आपको बताऊ सबसे अच्छा आप के यहाँ अकोला में गाय के गोबर से एक साबुन बनता है पिछली बार में आया यहाँ से खरीद के ले गया था और मैंने सब दोस्तों को बाँटा मैं भी लगाता हूँ
मैं आपको सच बताऊ कि उस साबुन से नहाने के दस मिनट के बाद शरीर में खुशबू निकलती है तो मैंने पुराने कुछ ग्रन्थ खोजे तो पता चला कि हिन्दुस्तान में जब यज्ञ किया जाता था तो किसी भी राजा को यज्ञ करने से पहले गोबर से स्नान करना जरूरी होता था भगवान राम ने भी यही किया था जब भगवान ने यज्ञ किया था तो गोबर से स्नान किया था तब उसमें बैठ पाये थे और गोबर से स्नान करना बहुत ऊँची बात है आप के घऱ में यदि देशी गाय है उससे आप सीधे स्नान कर सकते हैं नहीं तो यहाँ बनता है इतना अच्छा साबुन और यदि आप वो खरीदेंगें तो अकोला का पैसा यही रहने वाला है और वो साबुन यहाँ कि किसी गौशाला में बनता है तो आप का दिया पैसा गौशाला में जाने वाला है उसको चलाने वाले कुछ भाइयों को रोजगार मिलेगा और मेरी तो कल्पना है कि ऐसी गौशाला गाँव-गाँव गली-गली खुल जायें उसमें ये गोबर निकलेगा दूध निकलेगा साबुन भी बनेगा क्या क्या नहीं होगा पूरे हिन्दुस्तान की अर्थव्यवस्था बदल सकती है तो आप ये फालतू के साबुन खरीदना बंद करिये मुल्तानी मिट्टी से नहाइये रीठा शिकाकाई और मुल्तानी मिट्टी को पाउडर से नहाइये चने के आटे से नहाइये गोबर से जो साबुन बनता है उससे नहाइये इससे हिन्दुस्तान का हर साल हम सैकडों करोड रूपया बचा सकते हैं ये मेरा आपसे एक छोटा सा निवेदन है