स्थिर विधुतकी ,वैधुत आवेश, कूलाम का नियम , वैधुत क्षेत्र

स्थिर वैधुतिकी

भौतिक विज्ञान की वह शाखा जिसमें हम स्थिर या अत्वरित मंद गति से गतिमान आवेश के गुणों का अध्ययन करते हैं , स्थिर वैधुतिकी कहलाती है

जब काँच की छड़ को रेशम के कपड़े पर रगड़ा जाता है , तब इस पर किस प्रकार का आवेश उत्पन्न होता है

धनावेश

वैधुत क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक क्या होगा

उत्तर न्यूटन प्रति कूलाम

आवेश का खोखला गोला किस पर वैधुत क्षेत्र उत्पन्न नहीं करता है

किसी आन्तरिक बिन्दु पर

आवेश के खोखले गोले के केन्द्र की ओर जाने पर वैधुत क्षेत्र

सर्वत्र शून्य रहता है

विभवान्तर तथा आवेश का गुणनफल तुल्य होता है

कार्य का

एक-दूसरे से 4.3 नैनोमीटर की दूरी स्थित इलेक्ट्रान तथा फोटान का विधुत द्विध्रुव आघूर्ण होगा

6.88 * 10 ^-28 कूलाम-मीटर

दो बिन्दु आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल निम्नलिखित में से किसके वर्ग के वयुत्क्रमानुपाती होता है

उत्तर – दूरी के

वैधुत की वैधुतशीलता का मात्रक होगा

कूलाम / न्यूटन -मीटर 2

निम्नलिखित में से वैधुत का सही उदाहरण होगा

Hcl

वैघुत क्षेत्र तथा वैधुत फ्लक्स में सही सम्बन्ध होगा

= E.A

आवेश के संग्रहण करने की क्षमता को क्या कहते हैं

धारिता

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