जहाँ कद्र नहीं .....वहाँ जाना नहीं चाहिए
जहाँ कद्र नहीं .....वहाँ जाना नहीं चाहिए
जो सुनता नहीं ...उसे समझाना नहीं चाहिए
जो पचता नहीं , उसे खाना नहीं चाहिए
जो पचता नहीं , उसे खाना नहीं चाहिए
जो सत्य पर भी रूठे ...मनाना नहीं।
जो नजरों से गिर जाये....... उसे उठाना नहीं
जीवन में तकलीफें आएं........तो घबराना नहीं
मौसम की तरह जो बदले.. उसे दोस्त बनाना नहीं