अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज के साल के रूप में मनाने का निर्णय लिया है

आजकल मोटे आनाज को खाने में शामिल करने को लेकर बहुत विचार-विमर्श हो रहा है

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आयुर्वेद में महत्व का बखान

आयुर्वेद ने पहले ही इस विषय पर गंभीरता से विचार किया और लगभग सभी शास्त्रों में इसके महत्व का उल्लेख है ।

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आधुनिक आहार विज्ञान की दृष्टि में यह महत्वपूर्ण है कि किस आहार में कितने और कौन से विटामिन हैं.

सभी प्रकार के अनाज किसी न किसी रूप में शरीर के पुनर्निमाण की प्रक्रिया में सहायक होते हैं

मक्का, रागी , ज्वार , और बाजरा जैसे अनाज हमारे खाने में नगण्य हो गए हैं।

इनका सेवन डायबिटीज, मोटापा, और संधि रोग में अत्यंत लाभकारी होता है ।

इससे कफ के कारण होने वाले विकार दूर होते हैं, अतः खाँसी , जुकाम इत्यादि में भी अत्यंत लाभकारी है

इससे कफ के कारण होने वाले विकार दूर होते हैं, अतः खाँसी , जुकाम इत्यादि में भी अत्यंत लाभकारी है